व्यक्तिगत रूप से की जाने वाली विभिन्न प्रकार के साफ सफाई-
1: शरीर की सफाई बच्चों को सिखाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की साफ -सफाई
2:आंखों की सफाई
3:मुंह की सफाई
4:बालों की सफाई
5: नाखून की सफाई
6:कान के सफाई
7:कपड़ों की सफाई
8:नाक की सफाई
9:जननांगों की सफाई
10: हाथ की सफाई
शरीर की सफाई
शारीरिक सफाई और स्वच्छता के लिए स्नान अत्यंत आवश्यक होता है।स्नान के द्वारा अनेक प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। शारीरिक स्वच्छता की आदत डालने के लिए माता-पिता को बच्चों को प्रत्येक दिन स्नान करना चाहिए, जिससे बच्चों में शारीरिक स्वच्छता के लिए स्नान की आदत पढ़ सके। शारीरिक सफाई के लिए अपने शरीर के अनुसार साबुन का प्रयोग करना चाहिए ,जिससे शरीर की अच्छे तरीके से सफाई हो सके ।माता-पिता बच्चों को प्रत्येक दिन स्नान करने के लिए प्रेरित करें। शुरुआत में बच्चों को स्वयं स्नान कराए, जिससे बच्चे उचित तरीके से स्नान कर सकें।
आंखों की सफाई
बच्चों में आंखों की सफाई की आदत डालने के लिए सो कर उठने पर स्वच्छ पानी से आंख धुलवाना चाहिए, जिससे आंख के अंदर जमा हुआ कचरा निकल जाए और आंख साफ हो जाए। आंखों में कीचड़ आने पर उसे साफ सूूती कपड़े से पोछ कर निकालना चाहिए ।
मुंह की सफाई
मुंह की सफाई में दांत और दीव की सफाई जीव की सफाई आती है ।दांतों की सफाई के लिए ब्रश किया जाता है ।बच्चों में ब्रश करने की आदत डालने के लिए उन्हें सुबह सबसे पहले अच्छे पेस्ट से ब्रश करवाना चाहिए ,जिससे बच्चे हमेशा मुंह की सफाई को प्राथमिकता दें और सुबह उठकर अपने दांतों की सफाई करें। बच्चों को दिन भर में दो बार ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए ।माता-पिता बच्चों में ब्रश करने की आदत डालने के लिए स्वयं ब्रश करते समय उन्हें भी ब्रूस पकड़वाएं जिससे बच्चे देखकर ब्रश करने की आदत विकसित कर सकें।
बालों की सफाई
बालों की सफाई के लिए माता-पिता को बच्चों के बालों में शैंपू करवाना चाहिए ,जिससे बाल की गंदगी साफ हो सके ।बालों की नमी को बरकरार रखने के लिए उचित तेल का प्रयोग करना चाहिए। बच्चों में यदि बालों की सफाई का आदत डालना हो तो उन्हें यह बताना चाहिए की सबसे पहले बालों में तेल लगाना चाहिए ,जिससे बालों की नमी दूर ना हो बाल में रूखापन ना आए ,और उसके पश्चात बालों में शैंपू की आदत डलवानी चाहिए जिससे बालों की उचित सफाई हो ,और उन्हें बताना चाहिए कि बालों की सफाई करने से बालों में किसी भी प्रकार की कीड़े अर्थात जू नहीं पड़ेंगे ,और बाल हमेशा चमकदार बने रहेंगे।
नाखून की सफाई
नाखूनों को काटकर नाखूनों की सफाई की जाती है ।बच्चों के नाखून बड़े हो जाने पर उनके नाखून को काटते रहना चाहिए। नाखूनों की कटाई लगभग एक हफ्ते में कर देनी चाहिए। नाखूनों में गंदगी रहने से वह भोजन के साथ पेट में चले जाते हैं जिससे अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। उन बीमारियों से बचने के लिए नाखूनों की सफाई अत्यंत आवश्यक है ।नाखूनों की सफाई के लिए न सिर्फ नाखूनों को काटना बल्कि नाखूनों को धोना भी अत्यंत आवश्यक होता है। नाखूनों की सफाई की आदत डालने के लिए माता-पिता को बच्चों को प्रेरित करना चाहिए।
कान की सफाई
माता-पिता को बच्चों के नियमित समय पर कान की सफाई करते रहना चाहिए। जिससे कान में गंदगी इकट्ठा ना हो या कान बहने के कोई समस्या ना हो सके। कानों की सफाई के लिए कानो को रुई सहायता से साफ कर देना चाहिए। कानों में अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर को दिखा देना चाहिए। जिससे कानों की सफाई अच्छे तरीके से हो सके और सुनने में बच्चों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।
कपड़ों की सफाई
बच्चों को हमेशा साफ-सुंदर कपड़े पहनना चाहिए तथा उन्हें कपड़े गंंदे ना करने की बातें बतानी चाहिए। साफ कपड़े पहनने से क्या लाभ होता है ?इसके बारे में जानकारी देना चाहिए तथा यह भी बताना चाहिए की किस प्रकार से कपड़े कम गंदे होंगे। माता-पिता को बच्चों को यह बताना चाहिए कि किस प्रकार से कपड़े को साफ़ रखा जाए। कपड़े की सफाई के लिए अच्छे डिटर्जेंट का प्रयोग करना चाहिए ।कपड़ों को स्वच्छ पानी से अच्छे से धोना चाहिए। तथा सूर्य की रोशनी में कपड़ों को सुखाना चाहिए ।जिससे उसमें किसी भी प्रकार का प्रकार के रोगाणु न उत्पन्न हो,और शारीरिक रूप से व्यक्ति स्वस्थ रह सके।
नाक की सफाई
बच्चों के नाक की सफाई करना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि श्वसन क्रिया प्रत्येक समय चलती रहती है। इस क्रिया को निर्वाह गति से चलने के लिए यह आवश्यक है बच्चों का नाम साफ रहे ।स्वच्छ कपड़े से नाक की सफाई करते रहना चाहिए तथा बच्चों के नाक की सफाई अत्यंत आवश्यक है इसके लिए माता-पिता प्रेरित करें तथा स्वच्छ रुमाल से नाक को साफ करने का ढंग बताएं।
जननांगों की सफाई
जननांगों की उचित सफाई न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है। अतः माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के जननांंगों की अच्छे तरीके से साफ सफाई करें शौच के पश्चात जांननांंगों को अच्छी तरह से साफ करने की आदत विकसित करें। बच्चों में शौच शौचालय में करने की आदत विकसित करें ।तथा शौच के पश्चात जनन अंगों को अच्छे तरीके से धोने तत्पश्चात हाथ धोने की शिक्षा दें।
हाथों की सफाई
हाथ साफ होने पर किसी भी प्रकार की बीमारी केणकम होने की संभावना होती है। कारण यह है कि यदि हाथ साफ होगा तो किसी भी प्रकार से अर्थात भोजन करने से स्वच्छ भोजन पेट के अंदर नही जाएगा, जिससे किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होगी। बच्चों में खाने से पहले खाने के बाद तथा सोच के पश्चात हाथ धोने की आदत विकसित करनी चाहिए। इसके अलावा खेल करने की पश्चात भी हाथ धोने की आदत विकसित करना चाहिए।
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Anupama Pathak
11 months agoRead this article
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